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लेखनी ,# कहानीकार प्रतियोगिता # -01-Jul-2023 मेरा बाप मेरा दुश्मन भाग 11

     

                       मेरा बाप मेरा दुश्मन    (भाग  11)


           अब तक आपने पिछले भागौ में पढा़ कि किस तरह तान्या व विशाल  भागकर  शादी करलेते हैं। उनके एक बेटी आजाती है। बेटी का नाम रमला रखते  हैं। तान्या के मम्मी पापा जहर खाकर  आत्महत्या कर लेते हैं। जिससे तान्या स्वयं को अपराधी मानने लगी। जिससे वह बीमार  रहने लगी। और उसे ट्यूमर होगया और  उसकी मौत होगयी।

     इसके बाद विशाल  ने सारिका से शादी करली उन दोंनो के एक लड़का होगया। विशाल  का साया विकास  रमला को अपनी हबस का शिकार  बनाने की सोचने लगा। इसके आगे की कहानी इस भाग में पढ़िए। 


              रमला विकास से बचकर रहती थी । वह जानती थी कि अब उसके पापा भी उसका साथ नहीं दैगे क्यौकि उन पर उसकी सौतेली माँ का जादू चल रहा है। वह इस बात को लेकर परेशान रहने लगी। वह हमेशा विकास से बचती रहती थी।

   इसी दरिम्यान एक दिन सारिका की एक सहेली उससे मिलने आई। वह बहुत तेज औरत थी। वह लड़कियौ को पटाकर इधर उधर भेजती थी। उसका नाम सलौनी था। सलौनी का काम था लड़कियौ को फसाकर  गलत जगह पर सप्लाई करती थी।

     सलौनी का दिमाग हमेशा गलत कामौ में ही दौड़ता था। जब वह सारिका के घर आई तब रमला घर पर ही थी।
     रमला को देखकर उसने  सारिका से पूछा," सारिका यह लड़की कौन है?"

    सारिका बोली," यह विशाल की पहली पत्नी की बेटी है।"

       "क्या  पटाखा है यह ?  यह तो तुझे माला माल कर देगी।।" सलौनी तपाक से बोली।

        "नहीं सलौनी यह उनकी बेटी है ऐसा मत सोचना।" सारिका उसको फटकारते हुऐ बोली।

         "सारिका पागल मत बन यह तेरी सगी औलाद नहीं है । जो औरत घर से भाग कर आई थी। क्या मालूम किसका पाप लाई होगी। " सलौनी  उसे समझाते हुऐ बोली।

        "सलौनी तू तो बहुत तेज होगयी है  तूने तो नाते रिश्तौ को त्याग दिया।" सारिका उसको पूछते हुऐ बोली।

       "कैसे नाते रिश्ते ? पगली रिश्ते पैसे से बनते बिगड़ते है यदि पैसा नही है तो सभी रिश्ते नाते टूटते देर नहीं लगती है।", सलौनी बोली,"उसकी बात सुनकर सारिका का दिमाग भी चक्कर खाने लगा।

   सलौनी आगे बोली," देख सारिका  तेरे पास बहुत समय है सोच लेना। यह तेरे लिए ए टी एम मशीन साबित हो सकती है एक बार कैस हुई फिर मौज ही मौज है।"

     सलौनी तो उसके दिमाग में लालच का बिष घोलकर चली गयी। लेकिन सारिका को सोचने के लिए मजबूर कर गयी। सारिका अकेले में बैठकर सोचने लगीकि रमला मेरी सौतेली है और मैं कितना भी अच्छा करूँ  परन्तु लोग तो सौतेली  ही कहैगें।अब इसका भरपूर  फायदा उठाना चाहिए। 

    अब सारिका का दिमाग भी सलौनी की बातौ से लालच की तरफ झुकने लगा । सारिका रमला को दूसरी नजर से देखने लगी।



     सारिका ने एक दिन अपने भाई को रमला  कै छेड़ते हुए देख लिया।  सारिका ने रमला के सामने उसको खूब डाँटा और बोली देख विकास तुझे यहाँ आना जाना है तो तमीज से रहना होगा नहीं तो तेरा यहा़ आना बन्द करदू़ंगी।

      इतनी बात सुनकर विकास वहाँ से चला गया। आज उसकी समझ में यह नहीं आया कि सारिका ने उसको रमला के सामने इतना क्यौ डाँटा। जबकि सारिका ने केवल रमला को दिखाने के लिए डाँटा था।

      रमला ने जब अपनी सौतेली माँ को विकास को इस तरह डाँटते देखा तब रमला के दिल में अपनी सौतेली माँ के लिए इज्जत बढ़ गयी। अब वह सारिका के बिषय में जो सोचती थी वह अब उल्टा होगया।

     इस बात को न विकास समझ सका और न रमला समझ सकी कि सारिका एक तीर से दो शिकार करना चाह रही थी।

     सारिका के दिल में कुछ और ही चल रहा था। वह  सलौनी के प्लान के अनुसार रमला की जवानी का सौदा करने की सोच रही थी। वह एसा कुछ करना चाहती थी कि साँप भी मर जाय और लाठी भी न टूटे।

      सारिका को अब ऐसे ब्यक्ति की तलाश थी कि उस पर रमला आसक्त होजाय और उसके साथ प्यार करने लगे। पहले तो वह  विकास को इसके लिए तैयार करना चाहती थी। परन्तु उसको वह समझ में नहीं आया था।

रमला की संगति भी गन्दे लड़को के साथ बढ़ती जारही थी। वह नशा की आदी होती जा रही थी।

     सारिका अब रमला को पूरे विश्वास में लेना चाहती थी क्यौकि वह जानती थी कि  इसको विश्वाश में लिए बिना कोई कदम बढा़ना खतरे की घंटी साबित होगा।

         सारिका ने सलौनी को फौन किया कि वह उससे अविलम्ब मिलना चाहती है।  सलौनी समझ गयी कि सारिका के मन में लालच का बीज अंकुरित होगया है अब उसमें खाद पानी देने की आवश्यकता है।

       सलौनी   कुछ समय बाद ही सारिका के पास मिलने पहुँच गयी।

      सारिका सलौनी से बोली " सलौनी मैने तेरी बात पर सोचा था। तेरा क्या प्लान है कैसे  क्या करना चाहती है।  "

सलौनी बोली," तू चिन्ता क्यौ करती है मेरे ऊपर विश्वास करले । मै तेरे साथ कुछ भी गलत नहीः हौने दूँगी। आज तक जो किया है उसमें कोई धोका नहीं हुआ है।"

       सारिका उससे प्लान पूछने लगी। इस पर सलौनी ने उसे समझाया  कि इसको किसी लड़के साथ फसाकर  ब्लैक मेल करना होगा । यह सब मुझपर छोड़देना मै इसको फसाऊँगी कि यह अपने पंख फड़ फडाकर रह जायेगी।

      अब सारिका  को सलौनी ने एसा लालच दिया था कि  वह इसके लिए बहुत ही जल्दी तैयार होगयी।

      सारिका व सलौनी  के बीच मे जो खिचडी़ पक रही थी  उसके बिषय में विशाल को कुछ भी नही मालूम था। वह रात को घर आता था और सुबह होते ही आफिस चला जाता था।

    रमला को भी उनके प्लान के बिषय में कुछ भी खबर नहीं थी। वह अपने दोस्तौ के साथ मस्ती में रहती थी।

    सलौनी इसी तरह लड़किया फसाकर पैसा कमाती थी।
   

नोट:- कृपया आगे की कहानी पढ़ने के लिए भाग 12  पढ़ने का कष्ठ करै। धन्यवाद जी।


कहानीकार  प्रतियोगिता हेतु रचना का भाग  11

नरेश शर्मा ' पचौर


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3 Comments

Gunjan Kamal

14-Jul-2023 12:18 AM

👏👌

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Sushi saxena

12-Jul-2023 10:57 PM

👏👌

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Varsha_Upadhyay

12-Jul-2023 08:42 PM

शानदार भाग

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